नमस्कार! हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कानून और सोशल वर्क संकाय के तत्वावधान में तंबाकू मुक्त हिमाचल में युवा, विद्यार्थी, विश्वविद्यालय परिवार और नाडा इंडिया के युवा वॉलंटियर ग्रुप की चर्चा में भाग लेने के लिए फैसिलिटेटर के रोल में आए हैं हम। यह विश्विद्यालय प्रांगण तंबाकू मुक्त घोषित किया गया है। पर काम अभी बाकी है।
COTPA कानून , Cigarettes & Other Tobacco Products Act, के प्रावधानों को भी लागू करने के लिए सरकार और संबंधित विभागों के साथ एडवोकेसी करने की भी रणनीति मजबूत करने के लिए भी पारंगत विशेषज्ञ मार्गदर्शक संसाधन व्यक्ति भाग लेंगे।
मूलतः यह युवाओं की बैठक होगी, युवाओं द्वारा संचालित और प्रबंधित है। इन युवा वालंटियर्स ने सांसद, विधायक और अफसर लोगों से मुलाकात कर के तंबाकू पर टैक्स, कर, बढ़ाने की अनुशंसा की और सहयोग पत्र प्राप्त किए। हिमाचल प्रदेश सरकार ने तंबाकू सिगरेट पर पिछले बजट में टैक्स वृद्धि किया था। इन अनुशंशाओं से युवाओं और छात्रों का हौसला बढ़ा है।
COTPA कानून और उसमें संशोधन क्या है? इस पर भी चर्चा होगी। युवाओं और छात्रों ने कई छोटी माइक्रो studies भी अपने इलाको में किया है और भविष्य में करेंगे भी। तंबाकू के प्रति प्रदेश के भिन्न क्षेत्रों में क्या मान्यता, acceptance और practices हैं उन पर भी माइक्रो स्टडीज की जा रही हैं । तंबाकू के स्वास्थ्य पर असर और आर्थिक प्रभाव पर छात्रों और युवाओं ने सेकेंडरी सोर्सेज से अध्ययन किया है।
स्कूली छात्रों को तंबाकू से दूर रखने और जागरूक करने के भी तरीकों पर चर्चा होगी और कार्यान्वयन के सटीक बिंदू अंकित किए जायेंगे। युवाओं और छात्रों के संग काम करने के दूरगामी असर की संभावना होती है।
युवा जो कुछ अरसे से जुड़े हैं साझा कर रहे थे कि यह काम आसान नहीं है, उनके साथी हल्के में कहते हैं तंबाकू बंद कैसे करोगे, रेवेन्यू आता है, लोगों की लत है, समाज में बिना धुआं वाले तंबाकू इस्तेमाल होती है, स्मोकिंग बैन भी करवा लो तो क्या कर पा रहे हो?
हम को गांधी जी की कही बात, जो शराब के संदर्भ में कही गई थी, याद आई... "Given the indomitable will on part of a band of earnest workers, the program is as workable as any other and more so than most."
[Source: "Constructive Programme..." 1945, Poona.]
यहां कैंपस में ही यह जगह है जहां गांधीजी ने प्रवास किया और कहते है की बापू ने स्वपन में इस स्थान पर यूनिर्सिटी देखी थी। इस स्वपन को गांधीजी ने साझा किया कि यहां एक विश्विद्यालय बनना चाहिए।
आज दोपहर और कल के चर्चा की अपेक्षा
में।
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