स्वास्थ्य मानव जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है| एक अच्छा स्वास्थ्य एक अच्छे नागरिक को भी जन्म देता है| वैसे तो मनुष्य जीवन का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है | धीरे धीरे मनुष्य का समाजीकरण हुआ और फिर उसमे विज्ञान, तकनिकी और धर्म का समावेशीकरण भी हुआ| इस प्रकार से मनुष्य ने एक विकसित मानव जीवन के परत दर परत नए नए अध्याय लिखने शुरू कर दिए| इस मानवीय यात्रा में सब कुछ अच्छा अच्छा हुआ ऐसा नहीं बल्कि समय समय पर इसमें कुरूतियों और गलत तत्वों ने भी जुड़ना शुरू कर दिया जिसके फलस्वरूप मानव जीवन में बहुत सारे अवांछित प्रयोग भी हुए और इन्होने एक बड़े तबके को अपने जकड में लेना शुरू कर दिया| शुरू शुरू में ये किसी दवाई के तौर पर प्रयोग में लिए जाने लगे पर धीरे धीरे इनमे शामिल तत्वों ने आदत में शुमार होना शुरू कर दिया| और एक दिन ऐसा ऐसा भी आया जब ये आदत मनुष्य की कमजोरी में तब्दील हो गयी| जी सही - समझा आपने मैं एकदम बात कर रहा हूँ समाज में तम्बाकू की बढती हुई लत के विषय में| ये वो समस्या है जो लाखों जीवन हर वर्ष लील रही है| सब जानते है लेकिन फिर भी युवा तबका विशेषकर इसकी चपेट में आ ही जाता है| ये अब एक
खुशियां सभी को भाती हैं। बेहतर महसूस करने को आगे बढ़ना इंसानी फितरत हैं। सोचिए ज़रा पढ़ने के लिए किसी पुस्तक को क्यों चुनते हैं? हमारे अंदर से एक आवाज़ आ रही थी। जिसको खुशी की तलाश थी। इस तलाश ने हमें उस खास पुस्तक तक पहुंचाया। गर हम ध्यान दें तो समझ आएगा कि जिंदगी में जो कुछ भी करते हैं दरअसल खुशियों को हासिल करने के लिए हासिल करते हैं।खुश रहना,खुशी को महसूस करना किसे पसंद नहीं। अपनी पसंद का हर कुछ पा लेना खुशियों से भर देता है। अपनी पसंद की नौकरी, अपनी पसंद का जीवन साथी, अपने पसंद का शरीर एवम अपने पसंद के अनुभव यह सब बेशुमार खुशियों की चाभी है। लेकिन ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी से खुश नहीं मिले। मुझे यह पूरा विश्वास है कि हम सभी अपने में खास प्रतिभा के मालिक हैं। मेरा पूरा विश्वास है कि हम सभी लोग पृथ्वी पर लाए गए इसलिए कि सभी का खुशहाल जिंदगी जीना लिखा हुआ था। सभी अपनी अपनी हॉलीवुड फिल्म के हीरो । मगर ख्वाब बीच में ही कहीं खो गए। क्या दिलकश ख्वाब रहे सारे, अफसोस मगर पूरे ना हो सके। जिंदगी में गलत चीजें करने लगे। वो नौकरी जो बिलकुल मन के मुताबिक नहीं। रिश्ते में दाखिल हुए वो भी तकलीफ़