लेकिन ज्यादातर लोग अपनी जिंदगी से खुश नहीं मिले। मुझे यह पूरा विश्वास है कि हम सभी अपने में खास प्रतिभा के मालिक हैं। मेरा पूरा विश्वास है कि हम सभी लोग पृथ्वी पर लाए गए इसलिए कि सभी का खुशहाल जिंदगी जीना लिखा हुआ था। सभी अपनी अपनी हॉलीवुड फिल्म के हीरो । मगर ख्वाब बीच में ही कहीं खो गए। क्या दिलकश ख्वाब रहे सारे, अफसोस मगर पूरे ना हो सके। जिंदगी में गलत चीजें करने लगे। वो नौकरी जो बिलकुल मन के मुताबिक नहीं। रिश्ते में दाखिल हुए वो भी तकलीफ़ देना वाला साबित हुआ। एक अरसे के बाद दोनों चुभने लगी। दोस्त, दरअसल चीजों को लेकर सही फैसला लेने में मात खा गए। आओ मिलकर इस दुख की आंगन से बाहर निकलें।
दोस्तों, आप जानना नहीं चाहेंगे कि आखिर मैं हूं कौन? अपनी जिन्दगी के कुछ बेशकीमती घंटे आपको मेरे साथ क्यों खर्च करने चाहिए? मेरा काम लोगों को खुशहाली का रास्ता दिखाना है। आपको आपकी क्षमताओं के अनुसार सोचने के लिए दिखाना। ताकि आप जाति तौर पर और पेशेवर तौर पर खुद की पहचान कर सकें। आप में सब हासिल करने की ताकत है। अपनी जिन्दगी के हर पहलू को खुद के हिसाब से जी सकते हैं। मन चाही छुट्टियां बीता सकते हैं। खुशहाल रिश्ता कायम कर सकते हैं। और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। बशर्ते हालात को कहीं और ले जाने ना दें।
दृढ़ संकल्प से हर ख्वाब को साकार करें। मैं एक सामन्य इंसान हूं। मुझे जिम जाना अच्छा लगता है। वहां जाने का कोई मौका नहीं गंवाता क्योंकि ध्यान साधना से मुझे कमाल का सुकून मिलता है।जिंदगी की किताब तक पहुंचने में एक जरिया मात्र हूं। मुझे इंसानी मनोविज्ञान बेहद आकर्षित करता है। चाहे वो बाहरी आचरण में झलकता हो या अंदर मस्तिस्क में हलचल का कारण।
जिन्दगी जीने की कला सिखना एक यात्रा से कम नहीं। जिंदगी की किताब आप की पसंद की पुस्तक हो सकती है। आपको जीने का नया नज़रिया दे सकती है। बेहतर जिंदगी के ज्यादातर विकल्प सामने रख सकती है।यह आपको हर हालात से निकलने का हुनर सीखाती है।वो सब कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करती है जिससे खुशियों का खजाना पाया जा सकता है। ठहर कर सोचें ज़रा कि आपने बेहतर जिंदगी क्यों जीना जरूरी है? सिर्फ इसलिए कि कहीं ना कहीं आपको यह पसंद है। आपको शायद यह एहसास था कि नक़ली जिंदगी को जी रहे। असल तो कहीं पीछे छूट गई। जिसे बीता रहें हैं वो तो कभी सोंचा नहीं था। कहीं ना कहीं बहुत कुछ छूट रहा था। उसे पाने का हुनर सीखने के लिए इस किताब तक आएं हैं।
जिंदगी की किताब आपकी हर वो रहनुमाई करेगी जिसके लिए इसे लाए थे। बशर्ते उसके अनुभवों को नजरंदाज ना करें। व्यक्तिगत उत्थान या कहें निर्माण के लिए किताबों की कमी नहीं। मगर जीवन अपने में सबसे बड़ी है। यह पूर्णत: प्रायोगिक पुस्तक है। सिर्फ़ अवधारणा या परिभाषा तक सीमित नहीं बल्कि असल जिन्दगी के तजुर्बे से निकली दस्तावेज़ है।
-Syed S. Tauheed
* Nada Centre for Health communication & Media Studies
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