नाडा यंग इंडिया नेटवर्क हिमाचल की समर्पित सदस्य सुश्री रीत ठाकुर जिला मंडी के करसोग तहसील से ताल्लुक रखती हैं। करसोग के मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी रीत अपने गांव घर को महत्त्व देती हैं। पांच सदस्यों के परिवार में बड़े पुराने लोग अभी जिंदा हैं। परिवार खेती किसानी से जुड़ा है। रीत की शुरुआती पढ़ाई वहीं करसोग में हुई। करसोग के राजकीय कॉलेज से स्नातक करने के बाद फिलहाल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से समाजसेवा अध्ययन कर रही हैं। रीत के शब्दों में समाजसेवा का उनका कैरियर बेहद खूबसूरत रहा है। मैट्रिक पास करने के बाद से ही आपका रुझान इस ओर रहा।
समाज सेवा कार्यों की बात करें तो आपको महिला सशक्तिकरण, स्वच्छ भारत अभियान, यातायात सुरक्षा, पशुधन सेवा, पर्यावरण एवम तम्बाकू मुक्त युवा अभियान में काम करने का अनुभव है।
नाडा यंग इंडिया नेटवर्क हिमाचल के तम्बाकू पदार्थो के दुष्प्रभावों को चलाए अभियान के संपर्क में आकर आंदोलित हुई। नशामुक्त समाज का महत्व जाना एवम युवाओं के नेटवर्क से जुड़ गई।
वर्ष 2022 रीत के जीवन में निर्णायक मोड़ लेकर आया। इसी साल नाडा इंडिया ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रांगण में कोटपा अधिनियम 2003 के नियमों में बदलाव के लिए जागरूलता अभियान चलाया था। अभियान ने रीत जैसे विद्यार्थीयों के लिए संभावना के नए द्वार खोल दिए।
कोटपा अधीनियम 2003 के बारे रीत ने कहा इसके प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। सरकार ने 2003 में कोटपा कानून पारित किया था। उसके प्रावधानों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।कोटपा के बारे में आमजन में जानकारी कम है। हालत बदलने के लिए प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में जागरूकता रैलियां निकाली जा रही हैं।
रीत में युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंता है। स्वास्थ देश की बड़ी पूंजी होती है। तंबाकू एवम उससे जुड़े उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं । इस समस्या के समाधान के लिए उसके जैसे युवा प्रयासरत हैं। ज़मीनी स्तर के पहल अवश्य बदलाव लाएंगे। ला रहे हैं। जागरुकता बढ़ाने के लिए कैंपेन चलाए जा रहे हैं।
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