नाड़ा इंडिया यंग इंडिया नेटवर्क हिमाचल सरकार द्वारा सीजीसीआर टैक्स 3 रुपए से बढ़ाकर 4 रुपए 50 पैसे के इस फैसले का का स्वागत करती है। राज्य सरकार का यह कदम उनकी युवाओं के प्रति चिंता और स्वास्थ्य की प्राथमिकता को दर्शाता है
5 मई शिमला: प्रदेश की हिमाचल सरकार द्वारा युवाओं के भविष्य के संदर्भ में तम्बाकू पदार्थों पर कर की बढ़ोतरी करने का सराहनीय निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार द्वारा सीजीसीआर टैक्स 3 रुपए से बढ़ाकर 4 रुपए 50 पैसे कर दिया गया है। राज्य सरकार का यह कदम उनकी युवाओं के प्रति चिंता और स्वास्थ्य की प्राथमिकता को दर्शाता है । नाड़ा इंडिया यंग इंडिया नेटवर्क सरकार के इस फैसले का स्वागत करती है। यह भी आशा रखती है कि तंबाकू रोकथाम नियमों में आवश्यक संशोधन आगे भी जारी रहेगा।
एन वाई एन सदस्य सुश्री रीत वर्मा के लिए यह खुशी का लम्हा है। वो बताती हैं कि नाडा यंग इंडिया कैंपेन युवाओं को जागरूक करने एवम धरातल स्तर पर उन्हें सक्रिय करने के लिए सदैव आवाज उठाता रहा है। उन्होंने बताया कि एक समय यह लग रहा था कि संभवत: जीएसटी काउंसिल में ही इन करों पर विचार किया जाएगा। किंतु इसमें समय लगा। हम प्रदेश सरकार का हार्दिक धन्यवाद देते हैं ।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हिमाचल प्रदेश में कराए गए 2013 सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में तम्बाकू सेवन कर प्रतिशत 16.1 है। जबकि धुम्रपान की व्यापकता 14.2 प्रतिशत है। धुम्रपान रहित तम्बाकू की व्यापकता देश में हालांकि 3.1 प्रतिशत के साथ सबसे कम है। वैश्विक वयस्क तम्बाकू सेवन द्वितीय सर्वे में पहले सर्वे की तुलना में आंकड़ों में तब्दीली आई है।
सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क से इस समय राज्य में 32.5 प्रतिशत लोग घरों में प्रभावित हैं। जबकि सार्वजनिक स्थानों पर 12 प्रतिशत ।
भारत में दुनिया में तंबाकू खपतकारों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या 268 मिलियन है। भारत में लगभग 27 फीसदी कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू है। 2017-18 में तंबाकू के उपयोग से होने वाली सभी बीमारियों और मौतों की वार्षिक आर्थिक लागत 177,341 करोड़ रुपयें रहा जो कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी का एक फीसदी है।
स्वास्थ किसी भी देश की बड़ी पूंजी होती है।
युवा शक्ति पूंजी होती है। तंबाकू उत्पादों के ऊपर कर बढ़ाना एक अच्छा कदम । तंबाकू एवम उससे जुड़े उत्पाद आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं । इस समस्या के समाधान की दिशा में सरकार का नवीनतम निर्णय सराहनीय है । यह युवाओं के प्रति हिमाचल प्रदेश सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है।
एन वाई एन सदस्य सुश्री रीत वर्मा के लिए यह खुशी का लम्हा है। वो बताती हैं कि नाडा यंग इंडिया कैंपेन युवाओं को जागरूक करने एवम धरातल स्तर पर उन्हें सक्रिय करने के लिए सदैव आवाज उठाता रहा है। उन्होंने बताया कि एक समय यह लग रहा था कि संभवत: जीएसटी काउंसिल में ही इन करों पर विचार किया जाएगा। किंतु इसमें समय लगा। हम प्रदेश सरकार का हार्दिक धन्यवाद देते हैं ।
युवाओं के स्वास्थ्य को लेकर वो जागरूक है। हालात से अवगत भी है।
एन वाई एन सदस्य तपिश चंद्र ने बात को आगे करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मनुष्य का सर्वोपरि सहारा होती है । सरकार युवाओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए जागरूक भी है।
हिमाचल एन वाई एन राज्य समन्वयक मंगल सिंह ने कहते हैं कि कोटपा अधिनियम की जानकारी आमजन में बहुत कम है ।
जागरुकता बढ़ाने के लिए कैंपेन के माध्यम से शिक्षण संस्थानों व शिक्षण संस्थानों के आसपास आसपास के दुकानदार रेहड़ी फड़ी वाले उनको भी इस मुहिम से जोड़ा जाएगा । तंबाकू मुक्त हिमाचल बेतवा को मुक्त भारत बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा समाजसेवी श्री सुनील वत्सयायन ने हिमाचल सरकार के फैसले का स्वागत किया है। स्वास्थ्य की प्राथमिकता का महत्व बताते हुए वो कहते हैं कि युवाओं की सेहत बचाने के लिए ऐसे निर्णय हमेशा लिए जाने चाहिए। ऐसे फैसले भविष्य की नीव रखेंगे। और मील का पत्थर बनेंगे। नाडा यंग इंडिया नेटवर्क इस दिशा में निरंतर सक्रिय रही है।
युवाओं के स्वास्थ्य की दिशा में पिछले कई वर्षो से सक्रिय योगदान दे रही है।
स्वास्थ्य मामलों के विशेषज्ञ एवम सी टी एफ के सदस्य श्री नरेंद्र ने बताया कि देश में लगभग 13 मिलियन से भी ज्यादा लोग सालाना तंबाकू से उत्पन्न बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं । जबकि तंबाकू व नशाखोरी से ही दस मिलियन लोग इसकी लत में आकर गरीबी की और धकेले जाते हैं। । राज्य की दृष्टि से भी आंकड़े चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में 26.7% पुरुष,1.6% महिला तथा 14.2% कुल युवा धूम्रपान करते हैं। 2016 के
वैश्विक वयस्क तम्बाकू सेवन सर्वे ने हिमाचल प्रदेश को स्वर्ण श्रेणी में रखा था। उनके अनुसार गत दस वर्षो में बीड़ी और सिगरेट बहुत ही किफायती उत्पाद बन गये हैं। जुलाई 2017 में जीएसटी के लागू होने से तंबाकू उत्पादों में खासा उछाल देखने को नहीं मिला जिसके चलते सभी वर्ग विशेषकर बच्चों तक की पहुंच में आ गये जो कि गहन चिंतन का विषय है।
वैश्विक वयस्क तम्बाकू सेवन सर्वे ने हिमाचल प्रदेश को स्वर्ण श्रेणी में रखा था। उनके अनुसार गत दस वर्षो में बीड़ी और सिगरेट बहुत ही किफायती उत्पाद बन गये हैं। जुलाई 2017 में जीएसटी के लागू होने से तंबाकू उत्पादों में खासा उछाल देखने को नहीं मिला जिसके चलते सभी वर्ग विशेषकर बच्चों तक की पहुंच में आ गये जो कि गहन चिंतन का विषय है।
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