चंडीगढ़ : विश्व भर में 13 मार्च को मनाये जाने वाले 'नो स्मोकिंग डे ’ की कड़ी में तंबाकू सेवन पर अंकुश लगाने में गत दो दशको से प्रयासरत देशव्यापी संगठन - नाडा इंडिया फाउंडेशन ने एक बार फिर देश में तंबाकू पर नकेल कसने की दिशा में कड़े कानून लागू करने की पैरवी की है। तम्बाकू मुक्त कैम्पेन की कड़ी में आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बीच नाडा इंडिया फाउंडेशन ने भी स्वयं से जुड़े देश भर के युवाओं को फोरम के माध्यम से जोड़कर तम्बाकू मुक्त अभियान को मजबूती दी। कर्मवीर पुरस्कार विजेता और नाडा इंडिया के संस्थापक सुनील वात्स्यायन ने युवाओं को संबोधित करते हुये कहा कि यदि ध्रुमपान जैसी कुरीति को समाज और देश से मिटाना है तो इस दिवस को हमें मात्र एक दिन नहीं बल्कि रोज मनाने की जरुरत है। ऐसे आयोजनों का उद्देश्य युवाओं के माध्यम से देश के कोने कोने में ध्रुमपान विरोधी मुहिम को मजबूती दी देना है । उन्होंनें बताया कि नाडा इंडिया केन्द्रीय और प्रदेश सरकारों से तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की मांग करता रहा है। नाडा की मुहिम तब रंग लाई जब हिमाचल प्रदेश सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर सीजीएआर टेक्स बढ़ाया। सुन
शिमला: तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने के प्रयासरत देशव्यापी संगठन नाड़ा इंडिया ने अपने फरवरी माह में युवा अभियान और विभिन्न आयोजनों के माध्यम से तम्बाकू मुक्त मुहिम को मजबूती दी है। संसद में पेश किये गये केन्द्रीय बजट की पूर्वसंध्या पे नाडा ने युवाओं और बुद्धिजीवियों के माध्यम से सरकार पर जोर दिया कि वे तंबाकू से जुड़े उत्पादों पर टेक्स में वृद्धि करे। नाड़ा इंडिया फाउंडेशन ने केन्द्रीेय सरकार के साथ साथ प्रदेश सरकारों से भी आहवान किया है कि वे अपने राज्यों के बजट में इस प्रावधान को शामिल करें । नाडा इंडिया के संस्थापक और कर्मवीर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुनील वात्स्यायन के अनुसार समय की मांग है कि लोग तंबाकू के दुष्प्रभावों से वक्त रहते पहचानें जिससे की एक सेहतमंद राष्ट्र का निर्माण किया जा सके। नाडा इंडिया की गतिविधियों में सरकार से आह्वान कर नीति निर्माण में अपना योगदान देना ही नहीं बल्कि जमीनी स्तर युवाओं को इस मुहिम के लिये एकजुट भी करना है। वर्तमान में सेहतमंद राष्ट्र का निर्माण, युवाओं को दायित्व होना चाहिये। नाड़ा इंडिया के प्रतिनिधियों ने प्रदेश भर में समाज के प्रबुद्ध व्य