शराबबंदी एक पब्लिक डिमांड पर किया गया था. अगर ये सिर्फ एक राजनीतिक फैसला होता, तो ये एक नुकसान का सौदा है.
Unmute Loaded : 1.02% Ful 'दारोगा, एसपी, जज सब पीते हैं... लेकिन जेल में सिर्फ गरीब', बिहार में शराबबंदी को लेकर मा क्या कहते हैं एक्सपर्ट? सुनील वात्स्यायन बताते हैं, "शराबबंदी के फायदे या नुकसान को समझने से पहले हमें ह्यूमन कैपिटल को समझना होगा. जब हम ह्यूमन कैपिटल की बात करते हैं, तो शराब समस्याओं का हल नहीं है. ये समस्या के लिए इस्तेमाल किया जाता है. शराबबंदी से घरेलू हिंसा और यौन हिंसा में जो कमी आई है. लोगों की सेहत में जो कुछ हद तक का सुधार हुआ है, ये अपने आप में एक इंडिकेटर है कि शराबबंदी से फायदा हुआ है. शराबबंदी एक पब्लिक डिमांड पर किया गया था. अगर ये सिर्फ एक राजनीतिक फैसला होता, तो ये एक नुकसान का सौदा है." शराबबंदी की वजह से बनने लगी नकली शराब शराबबंदी के फैसले को करीब 8 साल हो रहे हैं. कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले के बाद से घरेलू हिंसा के मामले राज्य में कम हुए. बिहार के लाखों लोग मोटापे और अनचाही बीमारियों से भी बचे. लेकिन शराबबंदी का स्याह पहलू भी है. इसके चलते धड़ल्ले से नकली और फर्जी शराब बनने लगीं. इनकी बिक्री के मामलों में इजाफा हुआ. जहरीली शर